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"वेलकम बैक "का थीम सॉन्ग कम्पोज़ करने वाले संगीतकार अभिषेक रे

          नेशनल अवार्ड जीतने वाली फिल्मो "पान सिंह तोमर"और "आई एम कलाम " का म्यूजिक कम्पोज़ करने के अलावा "साहेब बीवी और गैंगस्टर्"और "यह साली ज़िंदगी"जैसी बेहतर फिल्मो का म्यूजिक सजाने वाले संगीतकार अभिषेक रे ने अनीस बज़्मी की कॉमेडी फिल्म "वेलकम बैक "का थीम सॉन्ग न केवल कम्पोज़ किया है बल्कि उन्होंने इसे गाया भी है। अभिषेक के पास "वेलकम बैक "के अतिरिक्त और भी कई फिल्मे हैं। उनसे बातचीत के रोचक अंश प्रस्तुत किये जा रहे हैं ...

 
सवाल:"वेलकम बैक "का थीम सॉन्ग तैयार करना आपके लिए कितना चुनौतीपूर्ण था?
अभिषेक रे :ख़बर सिनेमा के दर्शकों को मेरा नस्कार, मैं फिल्म के निर्देशक अनीस बज़्मी का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा जिन्होंने मुझपर विश्वास रखा और मुझसे इस का थीम सांग करवाया। बेशक यह मेरे लिए चैलेन्ज था क्योंकि फिल्म में इतने सारे पावरफुल किरदार हैं और सब के अपने अपने मिज़ाज है। इसलिए गीत में एक तरफ जॉन अब्राहम की टपोरी गीरी उभारनी थी दूसरी ओर अनिल कपूर और नाना पाटेकर का खतरनाक किरदार भी ज़ेहन में रखना था वहीँ श्रुति हासन के ग्लैमरस किरदार की झलक भी संगीत के द्वारा पेश करनी थी। वांटेड नसीरुद्दीन शाह के चरित्र का भी ख्याल रखना था तो अंकिता श्रीवास्तव के कैरैटर को भी ध्यान में रखना था। खैर मैंने बड़ी मेहनत से इसे एक नए अंदाज़ में कम्पोज़ किया जिसमे कॉमेडी एलिमेंट भी है और माफिया स्टाईल भी। 
 
सवाल: कम्पोज़ करने के अलावा आपने इसे गाया भी है?
अभिषेक रे:फिल्म का टाइटल गीत एक फ्रेश और अलग आवाज़ चाहता था इस गाने को थोड़ी प्रयोगात्मक गायकी की ज़रूरत थी। चूँकि मेरा बैकग्राउंड जैज़ पियानो और वेस्टर्न क्लासिकल में रहा है इसलिए मैंने इसे अपनी आवाज़ दी और सब ने पसंद किया। मैं नहीं चाहता था कि कोई पॉपुलर प्ले बैक सिंगर इस गीत को गाये क्योंकि फिर वह अपने तरीके से गाता जिससे गाने की आत्मा को नुकसान पहुँचता। 

सवाल:आपके लिए यह बड़ा बदलाव लाने वाली बात है कि आपने "पान सिंह तोमर"का संगीत सजाया था और अब "वेलकम बैक "का म्यूजिक दिया है?
अभिषेक रे:बॉलीवुड में ऐसा होता है कि आपको एक इमेज में बाँध दिया जाता है संगीतकार भी किसी खास अंदाज़ के लिए जाना जाता है। लेकिन मैं समझता हूँ कि किसी कम्पोज़र की क़ाबलियत यह होनी चाहिए कि वह हर प्रकार की मूवी में संगीत दे और हर तरह के गाने कम्पोज़ करे। नेशनल अवार्ड जीतने वाली फिल्मो "पान सिंह तोमर"और "आई एम कलाम "का संगीत कम्पोज़ करने और "साहेब बीवी और गैंगस्टर्"और "यह साली ज़िंदगी"जैसी बेहतर फिल्मो का म्यूजिक सजाने के बाद मुझे लगा कि अब कुछ मेनस्ट्रीम कमर्शियल फिल्मो में भी म्यूजिक दिया जाए और इस लिए मैंने "वेलकम बैक "से इसकी शुरुआत की है। 
 
सवाल:फिल्मी संगीत से हट कर जो म्यूजिक है आपकी उस बारे में क्या राय है?
अभिषेक रे:मुझे इंडस्ट्री में गीतकार गुलज़ार साहेब लाये थे। उनके साथ मैंने एल्बम "उदास पानी"से अपने करिअर की शुरुआत की थी। उस एल्बम की सफलता के बाद गुलज़ार साहेब के साथ मैंने एक और एल्बम "रात चाँद और मैं"बनाया और उसके बाद मुझे पीछे मुड़ कर नहीं देखना पड़ा। म्यूजिक टुडे के लिए मैंने "अमेज़िंग इंडिया"कम्पोज़ किया और गाया भी।
 
सवाल:संगीत देने के लिए आप प्रेरणा कहाँ से लेते हैं?
अभिषेक रे:कुदरत से बेहतर आप कहाँ से प्रेरणा ले सकते हैं। मैं घंटों जंगलों या सुनसान जगह पर रहता हूँ और उन जज़्बात को म्यूजिक का रंग दे देता हूँ। मैं खुद एक वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट भी हूँ। 
सवाल:वेलकम बैक " के अलावा आप और किन फिल्मो का संगीत दे रहे हैं?
 
अभिषेक रे:नाना पाटेकर और माहि गिल अभिनीत फिल्म "मैरेज ऐनिवर्सरी"के लिए मैंने कुछ अच्छे गाने कम्पोज़ किये हैं। नीरज पाण्डेय निर्मित फिल्म "सात उचक्के"और तिग्मांशु धूलिया की फिल्म "यारा"का म्यूजिक भी मैंने दिया है। फिलहाल मैं चार और प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा हूँ। 

     गाज़ी मोईन